विषय
- #बिक्री
- #ग्राहक
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- #प्रश्न
- #सेल्स
रचना: 2025-01-16
रचना: 2025-01-16 11:09
यदि बात सेल्स की हो, तो निस्संदेह सवालों का महत्व बहुत अधिक है। यह जानना ज़रूरी है कि ग्राहक क्या चाहता है, उसकी क्या समस्याएँ हैं, वह क्या कहना चाहता है, पर कह नहीं पा रहा है। तभी हम अपनी सेवाओं का परिचय दे पाएँगे। बिना किसी पूर्व तैयारी के सीधे अपनी सेवाओं का परिचय देना एक अकुशल सेल्स तरीका है।
लेकिन हमने सवाल करना कभी नहीं सीखा। और हम सवाल करने से कतराते हैं, और सवाल करने वालों को देखकर भौंहें चढ़ाते हैं। स्कूली दिनों में, कक्षा के अंत में अध्यापक पूछते थे, "किसी को कोई सवाल है?" तब सभी लोग, ब्रेक के लिए सवाल न पूछने पर अलिखित सहमति बना लेते थे। लेकिन, अगर कोई इस सहमति को तोड़कर सवाल पूछता भी था, तो बहुत सारे छात्र उसका विरोध करते थे।
ऐसे माहौल में हम सवाल न करने वाले समाज में जी रहे हैं। विदेशों में, आम तौर पर हमारे देश की तुलना में ज़्यादा सवाल पूछे जाते हैं। भले ही इसे सामान्यीकृत न किया जा सके, लेकिन मेरे कंपनी के अनुभव के आधार पर ऐसा ही है। यहाँ तक कि विदेशी भी जानते हैं कि एशियाई कर्मचारी कम सवाल पूछते हैं।
लेकिन अगर हम सेल्स में हैं, तो हमें सवाल करने से नहीं डरना चाहिए। अस्वीकृति को छोड़कर, सवाल न पूछने से मीटिंग बेकार हो जाती है। अगर सवाल पूछना मुश्किल लगता है, तो उस बारे में सवाल पूछें। "मुझे सवाल पूछने में थोड़ी हिचकिचाहट हो रही है, क्या मैं सवाल पूछ सकता हूँ?", "मेरा सवाल थोड़ा बेवकूफी भरा लग सकता है, लेकिन क्या आप इसका जवाब दे सकते हैं?" बेशक, ये उदाहरण सही न भी हों। लेकिन जब सवाल पूछने में डर लगे, तो सामने वाले से अनुमति माँगकर सवाल करना बेहतर है, यह मेरी व्यक्तिगत राय है।
ग्राहक हो या सेल्स, इंसान ही तो हैं, तनाव हो सकता है। और सहानुभूति भी होती है। इंसान होने के नाते, इसे समझा जा सकता है। तो अब मैं अपने लीड और ग्राहकों से सवाल पूछने जा रहा हूँ। ग्राहकों, क्या आप समझ सकते हैं?
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